भारत ने शुक्रवार को रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की। परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी INS अरिहंत से शुक्रवार को सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण बंगाल की खाड़ी से तय सीमा तक के लिए किया गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल ने सभी पैरामीटर को पूरा करते हुए लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा। यह टेस्ट क्रू की योग्यता साबित करता है।
INS अरिहंत की खासियत
भारतीय नौसेना के लिए एटमी हथियारों से लैस INS अरिहंत सामरिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है। यह समुद्र के किसी भी कोने से दुश्मन देश के किसी भी शहर पर हमला कर सकती है। इसके जरिए समुद्र, जमीन और हवा से परमाणु हमला किया जा सकता है। यह दुश्मन को चकमा दे सकती है, यानी इसकी मौजूदगी का आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता।
यह परमाणु ऊर्जा से चलती है। इसमें और भी खूबियां हैं, ऐसे में यह लंबे समय तक गहरे पानी में रह सकती है। INS अरिहंत में 750 किमी और 3500 किमी क्षमता वाली मिसाइलें हैं। हालांकि इस मामले में भारत से आगे अमेरिका, रूस और चीन है, जिनके पास 5000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार करने वाली मिसाइलें हैं।
हर पर मुकाबले के लिए तैयार
नवीनतम पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण (submarine launched ballistic missile test) से इस बात की तस्दीक होती है कि स्वदेशी आईएनएस अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियां हर तरह से दुश्मन का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
तीन स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन कर रहा भारत
मौजूदा वक्त में भारत तीन स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का संचालन कर रहा है। भारत ने दो पनडुब्बी प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें K-15 और K-4 भी विकसित की हैं। इनकी मारक क्षमता 3,500 किमी है, जो चीन के खिलाफ परमाणु प्रतिरोध सुनिश्चित करती है।