नई दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सहयोगी कंपनी जियो (Reliance JIO) को 5 सितंबर 2021 को 5 साल पूरे हो गए हैं. इन 5 साल में रिलायंस जियो ने टेलिकॉम इंडस्ट्री (Telecom Industry) की तस्वीर को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है. आज से ठीक 5 साल पहले 5 सिंतबर 2016 को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी (CMD Mukesh Ambani) ने जियो की लॉन्चिंग करते हुए कहा था, ‘द न्यूएस्ट एंड यंगेस्ट मेंबर ऑफ द रिलायंस फैमिली, जियो’ और आज ये कंपनी टेलिकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. इसी दौरान उन्होंने टेलिकॉम सेक्टर के भविष्य को लेकर कहा था कि डाटा ही नया ईंधन (Data is new fuel) है.
JIO ने डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाने में निभाई बड़ी भूमिका
जियो की लॉन्चिंग के दौरान किसी को उम्मीद भी नहीं होगी कि ये कंपनी केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया (Digital India) के लक्ष्य को हासिल करने में ही नहीं, देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) को रफ्तार देने में भी इतनी बड़ी भूमिका निभाएगी. जियो ही वो पहली कंपनी है, जिसने वाइस कॉलिंग को पूरी तरह मुफ्त बनाया. कंपनी की फ्री वाइस कॉलिंग (Free Voice Calling) की घोषणा ने इस सेक्टर के दूसरे प्लेयर्स को परेशानी में डाल दिया था. इसके बाद टेलिकॉम सेक्टर में छिड़ी प्राइस वॉर (Price War) का फायदा सीधे ग्राहकों को मिला. धीरे-धीरे सभी टेलिकॉम कंपनियों को अपने प्लांस में बदलाव कर कीमतें (Cheaper Data Plans) कम करनी पड़ीं.
डाटा की कीमत में दर्ज की गई है जबरदस्त गिरावट
रिलायंस जियो की लॉन्चिंग के बाद से भारत में डाटा का इस्तेमाल करने और इंटनेट/वाइस कॉलिंग के आंकड़े में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है. बाद में जियो ने टेलिकॉम सर्विस से फीचर फोन सेगमेंट और फिर ब्रॉडबैंड मार्केट में कदम रखा. पिछले 5 साल में डाटा की खपत (Data Consumption) में ताबड़तोड़ वृद्धि और यूजर्स (Internet Users) की संख्या में शानदार बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण प्राइस वॉर के बीच डाटा की कीमतों में आई भारी (Low Data prices) कमी है. बता दें कि जियो के बाजार में कदम रखने से पहले तक 1GB डाटा की कीमत 160 रुपये थी. इस साल इसकी कीमत घटकर 10 रुपये प्रति जीबी से भी कम हो गई है.
अब तक जुड़ चुके हैं 40 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स
रिलायंस जियो ने 28 सितंबर 2015 को अपने नेटवर्क की टेस्टिंग शुरू की थी. इसके बाद लॉन्चिंग के ठीक 5 महीने के भीतर यानी फरवरी 2017 तक जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या 10 करोड़ यूजर्स तक पहुंच गई थी. टेलिकॉम सेक्टर में इसे कंपनी की बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा गया. इस दौरान कंपनी ने 3 महीने के लिए फ्री डाटा और वॉयस कॉल्स उपलब्ध कराई. इसके बाद फ्री सर्विस को फिर तीन महीने के लिए बढ़ाया गया. जियो ने फ्री सर्विस सितंबर 2016 से मार्च 2017 तक चलाई. इसके बाद कुछ प्लांस पेश किए. साथ ही 99 रुपये में प्राइम मेंबरशिप भी पेश की, जिसकी वैधता 1 साल की रखी गई. उस समय यूजर्स को 99 रुपये मेंबरशिप के साथ 399 रुपये के रिचार्ज पर 84 दिन की वैधता के साथ 1 जीबी डाटा प्रतिदिन दिया जा रहा था. साल 2020 तक कंपनी के यूजर्स की संख्या 40 करोड़ के आंकड़े को पार चुकी थी.
टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर से फोन निर्माता बनी JIO
रिलायंस की एजीएम में 21 जुलाई 2017 को सीएमडी मुकेश अंबानी ने 4जी फीचर फोन लॉन्च किया. इसके बाद कंपनी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर के साथ ही फोन निर्माता भी बन गई. इसके एक साल बाद JioPhone 2 लॉन्च किया गया. इसे क्वार्टी कीपैड के साथ लॉन्च किया गया था. कंपनी ने इस फोन के जरिये अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दी. इस फोन को क्वार्टी कीपैड और 4जी सपोर्ट के साथ पेश किया गया था. इस समय जियो यूजर्स को इंटरनेट की जबरदस्त स्पीड मिल रही है. बता दें कि इस समय देश में 78 करोड़ एक्टिव यूजर्स इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. जियो ने टेलिकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव करने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के मौके भी पैदा किए. कोरोना महामारी के दौर में लोगों ने इंटरनेट के बहुआयामी इस्तेमाल को अच्छे से समझा. वर्क फ्रॉम होम की सफलता में सस्ते और तेज रफ्तार इंटरनेट की बड़ी भूमिका सामने आई है.