रांची: झारखंड को हमेशा खनन के नजरिये से देखा गया। इस राज्य को आकर्षण के नजरिये से दुनिया देखे, यही हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को नई दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति-2021 का शुभारंभ करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि यहां के जल, जंगल, पहाड़, झरने, नदियों में पर्यटन के दृष्टिकोण से असीम संभावनाएं हैं। आप देखेंगे राज्य की उसी लक्ष्य को प्रतिबिम्बित करता है। उन्होंने कहा कि झारखंड जितना संपन्न जमीन के अंदर है, उतना ही संपन्न जमीन के ऊपर हैं। यहां के जमीन के नीचे तो सभी ने सर्वे कर लिया, लेकिन यहां के खूबसूरत मनोरम दृश्य को शायद किसी ने आज तक बहुत करीब से नहीं देखा है। आज उसी को एक मंच देने के लिए हम लोग आपके समक्ष आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटक की यात्रा झारखंड में प्रारंभ हुई है तो पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि पर्यटक के पैर कभी नहीं रुक सकते, क्योंकि हर मोड़ पर, हर चौराहे पर यहां एक से बढकर एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो सैलानियों को लुभाएंगे।
पर्यटन के विकास के लिए कई प्रावधान किए गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में झारखंड को देखने का नजरिया बदल रहा है। इस राज्य में कई अनोखी चीजें हैं, जो हर लिहाज से अध्ययन औऱ शोध के साथ देखने योग्य् है। साहिबगंज जिले के मंडरों में फॉसिल पार्क का हाल ही में उद्घाटन हुआ है। इसका इतिहास लगभग पन्द्रह करोड़ साल पुराना है। यह मानव जीवन के उत्पति के इतिहास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक समुद्र से पहली बार भूमि सिंहभूम में ही बाहर आयी थी। यह लगभग 350 करोड़ वर्ष पुराना है। जहां आज बड़े पैमाने पर आयरन अयस्क पाए जाते हैं। नई पर्यटन नीति के माध्यम से इसे देश-दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लुभावने और सुंदर दृश्यों को देखने के लिए दूसरे राज्यों के हिल स्टेशन जाकर हजारों-लाखों रुपए खर्च करते हैं। वैसा ही दिल को सुकून देने वाला मनोरम दृश्य नेटरहाट के वादियों में देखा जा सकता है।
CM ने कहा कि नई पर्यटन नीति में पर्यटन के विकास के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड की वैभवशाली संस्कृति का अनुभव राज्य की जीवंत और विविध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए फ़ूड फेस्टिवल, इंटर स्टेट कल्चरल प्रोग्राम आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है।