कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को कार्य दिवसों में कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय राजधानी सहित देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या में काफी कमी आने के बीच आया है। बयान में कहा गया है कि हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों में रहने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट रहेगी, जब तक कि उनका क्षेत्र निषिद्ध श्रेणी से बाहर नहीं आ जाता।
अभी तक, केवल अवर सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी ही मार्च में कोरोना वायरस के चलते लागू पाबंदियों के बीच कार्यालय आ रहे थे। केंद्र ने गत मई में उपसचिव के स्तर से नीचे के अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को अपने कार्यालयों से काम करने के लिए कहा था, जबकि उसने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के अपने प्रयास के तहत अलग-अलग कार्यालय समय लागू किया था।
केंद्र सरकार के सभी विभागों के लिए शनिवार देर रात जारी आदेश में कहा गया, ‘सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों को सभी कार्य दिवसों में कार्यालय में उपस्थित होना है और किसी भी श्रेणी के कर्मचारी को कोई छूट नहीं होगी।’ इसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक बायोमेट्रिक उपस्थिति निलंबित रखी जाएगी। इसमें कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारी जो निषिद्ध क्षेत्रों में रहते हैं, वे घर से काम करेंगे और हर समय टेलीफोन और संचार के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से उपलब्ध रहेंगे।
आदेश में कहा गया है कि जब तक संभव हो, बैठकें वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जारी रहेंगी और आगंतुकों के साथ व्यक्तिगत बैठकों से जब तक कि सार्वजनिक हित में पूरी तरह से आवश्यक न हो, तब तक बचा जा सकता है। कार्मिक मंत्रालय ने एक अन्य आदेश में कहा कि ‘‘सभी विभागीय कैंटीन खोली जा सकती हैं।’’
रविवार को अद्यतन किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के उपचाराधीन मामले 1.5 लाख से नीचे हैं। दिल्ली में शनिवार को उपचाराधीन मामले घटकर 1,041 हो गए।